अपने अपने फैसले ..
जिंदगी तो बारहां ,
दरवाजे खोलती रही ;
अपनी अपनी चाह थी,
अपनी अपनी राह थी ..
जिंदगी तो बारहां,
सच ही बोलती रही ;
अंतिम दिन जीवन के यदि ये
पीर हृदय की रह जाए
के दौड़-धूप में बीत गए पल
प्रियतम से कुछ ना कह पाएँ
ऐसे भी तो दिन आयेंगे, बिलकुल तनहा कर जाएँगे रोयेंगे हम गिर जाएँगे, ख़ामोशी में पछतायेंगे याद करेंगे बीती बातें ख़ुशियों के दिन हँसती रातें...
1 comment:
very beautiful..............
anu
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