Saturday, September 24, 2011

अधूरापन

तन्हा-तन्हा इस मेले में कब तक यूँही चलना होगा
चल अब चलता हूँ मैं सूरज तुझको भी तो ढलना होगा

No comments:

ऐसे भी तो दिन आयेंगे

 ऐसे भी तो दिन आयेंगे, बिलकुल तनहा कर जाएँगे रोयेंगे हम गिर जाएँगे, ख़ामोशी में पछतायेंगे याद करेंगे बीती बातें ख़ुशियों के दिन  हँसती रातें...