Friday, December 10, 2010

भोले लोग

मारो!मारो! नहीं तो काट लेगा
अरे वो सांप है!
जहरीला है काट लेगा!
पताक! चटाक ! धाड़ धुम !
और यूँ
मारा गया एक और सांप...
मेरे शहर के लोगों को
जहर से सख्त नफरत है
और जहरीले जीवों को
फूटी आँख नहीं देखते ये समझदार लोग
बजबजाती भिनभिनाती
गन्दी नालियां
सरकार साफ नहीं करतीं
वरना इस शहर में तो गन्दगी का नामों निशाँ न होता
वो तो ठेकेदार चोर था
और नेता बिमान
वरना सूरत ही कुछ और होती इस शहर की

2 comments:

Rahul Singh said...

अच्‍छी पहचान करते हैं आपके शहर के भोले लोग.

ZEAL said...

सार्थक प्रस्तुति

ऐसे भी तो दिन आयेंगे

 ऐसे भी तो दिन आयेंगे, बिलकुल तनहा कर जाएँगे रोयेंगे हम गिर जाएँगे, ख़ामोशी में पछतायेंगे याद करेंगे बीती बातें ख़ुशियों के दिन  हँसती रातें...